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Pandrah Agast | Girija Kumar Mathur

Pratidin Ek Kavita

Episode   ·  5 Plays

Episode  ·  5 Plays  ·  2:46  ·  Aug 15, 2023

About

पंद्रह अगस्त | गिरिजा कुमार माथुर आज जीत की रातपहरुए सावधान रहनाखुले देश के द्वारअचल दीपक समान रहनाप्रथम चरण है नए स्वर्ग काहै मंज़िल का छोरइस जन-मन्थन से उठ आईपहली रत्न हिलोरअभी शेष है पूरी होनाजीवन मुक्ता डोरक्योंकि नहीं मिट पाई दुख कीविगत साँवली कोरले युग की पतवारबने अम्बुधि महान रहनापहरुए, सावधान रहना!विषम शृंखलाएँ टूटी हैंखुली समस्त दिशाएँआज प्रभंजन बन कर चलतींयुग बन्दिनी हवाएँप्रश्नचिह्न बन खड़ी हो गईंयह सिमटी सीमाएँआज पुराने सिंहासन कीटूट रही प्रतिमाएँउठता है तूफ़ान इन्दु तुमदीप्तिमान रहनापहरुए, सावधान रहनाऊँची हुई मशाल हमारीआगे कठिन डगर हैशत्रु हट गया, लेकिनउसकी छायाओं का डर हैशोषण से मृत है समाजकमज़ोर हमारा घर हैकिन्तु आ रही नई ज़िन्दगीयह विश्वाश अमर हैजन गंगा में ज्वारलहर तुम प्रवहमान रहनापहरुए, सावधान रहना!

2m 46s  ·  Aug 15, 2023

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